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अँधेरा गले मिल के रोता है मुझसे ये होने का नाटक, न होता है मुझसे जो भाई ने मुझको दी गाली कभी कानों ने निघली वो चुभती नहीं कहूँ क्या मैं उस्से वो छोटा है मुझसे वो … Continue reading
है मेरी यह आरज़ू बैठी हो तू रूबरू कर रहे हम गुफ्तगू नज़रों में हो तू ही तू, आरज़ू, रूबरू, गुफ्तगू, तू ही तू है मेरी यह आरज़ू ज़िंदगी के मोड पर, बोलो मिलोगी छोड़कर, दिल की डोरी, माँ … Continue reading
रिश्ते निचोड़े, राहों को मोड़े गाने कुछ गायें, एहसास पाएँ खुद को झिंझोड़ें, कसमों को तोड़ें फिर गुनगुनाएँ, एहसास पाएँ भूली सी यादों को, बचपन के वादों को, टूटे इरादों को, फिर से बनाएँ एहसास पाएँ हँसते थे … Continue reading
छुआ जो तू, ने मुझे यूँ, लागा कि ज्यूं, काँपा बदन कोने में जो, सोई थी वो, जागी है लो, फिर वो अगन सच है क्या ये, तुम हो मेरे, शाम ढले, घबराए मन तन्हा थी मैं, वीरां थी … Continue reading
रोज़ घुट घुट के मरूँ या एक दिन जी भर मरूँ क्या करूँ मैं क्या करूँ मैं क्या करूँ मैं क्या करूँ जल रहा है जो वो मेरा ही तो घर है, या नहीं छोड़कर जिसको गए थे लौट … Continue reading